दिल्ली के रोहिणी में प्रशांत विहार इलाके में सीआरपीएफ स्कूल के पास रविवार सुबह हुए जोरदार धमाके बाद से यहां के लोग दहशत में हैं. ये धमाका इतना तीव्र था कि आसपास के लोगों के घरों में लगे कांच टुकड़े-टुकड़े हो गए. कारें क्षतिग्रस्त हो गईं. कई लोगों की आंखें भी इस धमाके के साथ ही खुलीं. इसका कंपन सैकड़ों मीटर दूर स्थित घरों में भी महसूस किया गया. लोगों ने बताया कि घटनास्थल पर रसायन जैसी गंध थी. हर जगह घना सफेद धुआं था.
एक स्थानीय नागरिक किरण सचदेवा ने कहा, "यह पटाखे जैसी आवाज नहीं थी. धमाका बहुत तेज था. 15-20 मिनट तक हर जगह सिर्फ धुआं ही धुआं था. हमें भूकंप जैसा महसूस हुआ. मेरा घर घटनास्थल से करीब 200-250 मीटर दूर है.'' विस्फोट स्थल के बहुत करीब धूप के चश्मे की दुकान चलाने वाले सुमित कुमार ने कहा, "मेरी खिड़की के शीशे टूट गए हैं. मेरी दुकान के अंदर का सारा सामान जमीन पर गिर गया. यह बहुत ही तीव्र विस्फोट था."
इस धमाके के बाद आमतौर पर चहल-पहल वाली सड़कें खामोश थीं. सभी दुकानें और खोखे बंद थे. उनकी कांच की खिड़कियां और साइनबोर्ड टूट गए. एक दुकानदार हिमांशु कोहली ने बताया कि जब उन्हों विस्फोट सुना, तो वो घटनास्थल की ओर भागे. उन्होंने बताया, "कांच की खिड़कियां और बोर्ड टूट गए थे. मैं डर गया और अपनी दुकान पर वापस आ गया. गनीमत इस बात की है कि रविवार होने की वजह से स्कूल में छुट्टी थी, वरना बड़ी घटना हो सकती थी."
रीता सिंह ने बताया, "मेरा बेटा उस (सीआरपीएफ) स्कूल में कक्षा 9 में पढ़ता है. मैं उसके बारे में सोचकर भी परेशान हूं कि यदि वो स्कूल में होता तो क्या हुआ होता. यह सोचकर भी मुझे डर लग रहा है." अनीता सिंह मंदिर से लौट रही थी, तभी उन्होंने बहुत तेज धमका सुना. वो कहती हैं, "मैंने अपने घर में कंपन महसूस किया. ऐसा लगा जैसे किसी का सिलेंडर पास में फट गया हो. मेरे बच्चों की स्कूल बस यहीं आती है और आमतौर पर हम सुबह यहीं खड़े होते हैं.''
अनीता सिंह ने कहा, "आज रविवार था, इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ. मैं यह सोचकर कांप उठती हूं कि यदि यह सप्ताह के दिनों में हुआ होता तो कितना बड़ा हादसा हो सकता था." 35 वर्षीय अनीश मल्होत्रा ने जब विस्फोट सुना तो वे डर के मारे जाग गए. उन्होंने कहा, "जब मैं बाहर आया तो चारों तरफ धुआं था, लेकिन शुक्र है कि रविवार था और स्कूल बंद थे, क्योंकि यहां एक-दूसरे से सटे दो स्कूल हैं. इस धमाके के बाद से लोगों के बीच में तनाव है."
धीरज पराना कहते हैं, "यह सड़क काफी व्यस्त है और यदि यह शाम को हुआ होता, तो मुझे नहीं पता कि कितना नुकसान हो सकता था. आज करवा चौथ है और बहुत से लोग यहां जश्न मना रहे होंगे." एक महिला ने दुख जताते हुए कहा, "यह किसी शरारती हरकत की तरह लग रहा है. मेरा बच्चा यहां पढ़ता है और अब मेरे मन में हमेशा यह डर बना रहेगा कि कभी भी कुछ भी हो सकता है. मैंने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा. इस घटना ने डरा दिया है."
बताते चलें कि इस धमाके की सूचना मिलते ही जांच के लिए दिल्ली पुलिस बम निरोधक दस्ते और फोरेंसिक टीम सहित तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई. इसके साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. इसकी विस्तृत रिपोर्ट जल्द ही गृह मंत्रालय को सौंपी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां सीआरपीएफ स्कूल के सामने हुए इस धमाके को बेहद गंभीरता से ले रही हैं.
अभी तक हुई जांच में सामने आया है कि इस ब्लास्ट के लिए काफी ज्यादा मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था. इस धमाके की आवाज दो किलोमीटर तक सुनाई दी थी. प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि ये एक डायरेक्शनल ब्लास्ट हो सकता है. इसमें विस्फोटक को इस तरह से लगाया गया था कि इससे शॉकवेव पैदा हो सके. ऐसे मामलों में ठोस या तरल विस्फोटक पदार्थ बहुत गर्म, सघन, उच्च दबाव वाली गैस में परिवर्तित हो जाता है.
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